‘टाइटैनिक જહાજની અજાણી હકિકતો

 

‘टाइटैनिक जहाज के बारे में रोचक तथ्य’

 

टाइटैनिक जहाज में जनता का शुरू से ही जबरदस्त इंटरेस्ट रहा है.





टाइटैनिक पर, वो सबकुछ था जितना उस वक्‍त एक पैसे वाला व्‍यक्ति कल्‍पना कर सकता था.

इसमें लोगो का इंटरेस्ट हो भी क्यूँ ना… इंसान ने ये चीज ही ऐसी बनाई थी.

आज हम बात करेंगे उस टाइटैनिक की जिसे कभी न डूबने वाला जहाज कहा जाता था.

 

जब टाइटैनिक बनकर तैयार हुआ तब यह दुनिया की सबसे बड़ी चलने वाली चीज थी.

यह 882 फीट यानि फुटबाॅल के 3 मैदान जितना लंबा और 17 माले की बिल्डिंग जितना ऊँचा था.

यदि इसे सीधा खड़ा कर दिया जाता तो यह उस समय की हर इमारत से ऊँचा होता.

 

Titanic जहाज का पूरा नाम था ‘RMS Titanic’ (RMS stands for Royal Mail Ship). इसे बनाने वाली कंपनी का नाम था ‘White Star Line’.

 

टाइटैनिक जहाज नार्थ आयर्लैंड के बेलफास्ट में 31 march, 1909 को तीन हजार लोगो की टीम ने बनाना शुरू किया था.

26 महीनों बाद 31 may, 1911 को यह बनकर तैयार हुआ. इसे बनाते समय 246 लोगों को चोट लगी और 2 लोगों की मौत हुई.

31 मई, 1911 को जब यह पूरा बनकर तैयार हुआ तब इसे देखने के लिए 1 लाख लोग आए थे.

 

1912 में टाइटैनिक बनाने वाले, कुशल कारीगरों को एक हफ्ते के 10 डाॅलर व अकुशल कारीगरों को एक हफ्ते के 5 डाॅलर मिलते थे.

 

10 April, 1912 को टाइटैनिक इंग्लैंड के साउथम्पटन से न्यूयार्क की तरफ अपनी पहली और आखिरी यात्रा के लिए रवाना हुआ.

यह रास्ते में दो जगह रूका. Cherbourg, northern France में और Cobh, Ireland में. सफर के चौथे दिन यह उत्तरी अटलांटिक सागर में एक हिमपर्वत से टकरा गया.

तब यह जमीन से 640 किलोमीटर दूर था.

 

इतिहास में Titanic अकेला ऐसा जहाज हैं जो Icebarg (हिमखंड) के टकराने से डूबा. 14 April, 1912 की रात 11 बजकर 40 मिनट पर टाइटैनिक उत्तरी अटलांटिक सागर में बर्फ के एक बड़े से टुकड़े से टकराया था.

(आप ऊपर Iceberg की और जहाँ से जहाज की टक्कर हुई थी वो फोटो देख सकते हो लाल सर्कल वाली जगह से जहाज में टक्कर के बाद पानी भरना शुरू हुआ था).

टक्कर के 2 घंटे 40 मिनट बाद यह पूरी तरह डूब चुका था. इसके डूबने की गति 16 किलोमीटर प्रति घंटा थी और इसे समुंद्र की आखिरी सत्तह तक पहुंचने में मात्र 15 मिनट लगी.

 

जब आफिसर्स को आइसबर्ग दिखाई दिया तब उनके पास action लेने के लिए महज 37 second बचे थे. Iceberg दिखते ही 1st officer ‘Murdoch’ ने जहाज को left मोड़ने का और इंजन रूम को इंजन रिवर्स चलाने का आर्डर दिया और जहाज को left मोड़ भी दिया गया था लेकिन ये उस आइसबर्ग से बचने के लिए काफी नही था. यदि 30 second और पहले पता लग जाता तो शायद टाइटैनिक को बचाया जा सकता था.

 

Iceberg थोड़ा पहले भी दिखाई दे जाता लेकिन टाइटैनिक के क्रू मेंबर के पास दूरबीन नही थी. ये एक लाॅकर में रखी थी जिसकी चाबी गुम हो गई थी.

 

जब Titanic ने emergency signal भेजे,

तब Californian नाम का जहाज उसके सबसे नजदीक था. लेकिन टाइटैनिक का wireless operator लगभग खराब हो चुका था.

ऐसा माना जाता है कि यदि कैलीफोर्नियन का रिप्लाई आ जाता तो ओर ज्यादा जान बचाई जा सकती थी.





जहाज के धीरे-धीरे डूबने की खबर मिलने के बावजूद भी इसके म्यूजिशियन आखिरी साँस तक गाना बजाते रहे ताकि वो और कुछ समय बाद मरने वाले लोग अपने आखिरी पलों को खुशी से बिता सके.

 

टाइटैनिक जहाज पर डूबने वालो में सबसे ज्यादा पुरूष थे.

क्योंकि इस मुश्किल की घड़ी में कुछ समझदार लोग निकलकर आगे आए और लोगो को किश्तियों में बैठाते समय ‘महिला और बच्चे पहले’ ये प्रोटोकाॅल फाॅलो किया गया. जहाज पर मौजूद नौ कुत्तों में से दो कुत्ते भी जिंदा बचा लिए गए थे.

 

लाइफबोट, 1st class की टिकट लेने वाले लोगों के सबसे नजदीक थी. इसलिए 1st class के 60%, 2nd class के 42% और 3rd class के सिर्फ 25% यात्री जिंदा बच पाए.

Titanic को 64 lifeboats (छोटी किश्तियाँ) ले जाने के लिए डिजाइन किया गया था. लेकिन 20 लाइफबोट ही ले जाई गई ये सभी लोगों को बचाने के लिए काफी नही थी लेकिन यदि सभी लाइफबोट पूरी तरह से भरी जाती तो 1178 लोगो की जान बचाई जा सकती थी,

जबकि 706 ही बच पाए. कारण ये रहा, कि कुछ किश्तियाँ थोड़े से लोग ही लेकर भाग गए. जैसे:- लाइफबोट 1 में 40 लोग आ सकते थे लेकिन सात क्रू मेंबर और पाँच पैसेंजर इसे लेकर भाग गए. वैसे ही लाइफबोट 7 में 65 लोग आ सकते थे लेकिन इसे भी 24 लोग ही लेकर चल दिए.

जिस जगह पर टाइटैनिक डूबा था, वहाँ पानी का तापमान -2°C था. जिसमें कोई भी व्यक्ति 15 मिनट से ज्यादा जिंदा नही रह पाया.

 

एक अनुमान के अनुसार जहाज पर 2,222 लोग सवार थे. जिनमें से 1314 यात्री और 908 क्रू मेंबर थे. इनमें से 1500 से ज्यादा आदमी डूब गए और 706 बच गए, अभी तक इनमें से 337 लोगो की ही लाशें मिल पाई है.

 

Titanic के यात्रियों के पास कैश, ज्वैलरी समेत 60 लाख डाॅलर का सामान था.

 

13 नवविवाहित जोड़े टाइटैनिक पर हनीमून मनाने के लिए आए थे.

 

टाइटैनिक के बोर्ड पर हर दिन ‘Atlantic Daily Bulletin’ समाचार पत्र प्रकाशित होता था. इसमें न्यूज, विज्ञापन, स्टाॅक की कीमतें, घोड़ों की रेस के परिणाम से लेकर दिन के मेन्यू तक सब कुछ छपता था.

 

Titanic में लगी सीटी को 16 किलोमीटर दूर तक सुना जा सकता था.

 

टाइटेनिक पर यात्रियों और स्‍टॉफ को खाने के लिये 39,000 किलो मीट, 40 हजार अंडे, 40 टन आलू, 1,590 किलो प्‍याज, 36,000 सेब मौजूद थें. जहाज पर हर रोज 63,000 लीटर पानी की खपत्त होती थी.

 

Full load होने के बाद Titanic का वजन 46,326 टन था (करीब 4 करोड़ 63 लाख 26 हजार किलो). इतने वजन के बावजूद भी यह 42 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता था.

 

टाइटैनिक पर एक दिन में 600 टन यानि 6 लाख किलो कोयला जलाया जाता था. 176 आदमी अपने हाथों से ये कोयला भठ्ठी में डालते थे. हर 24 घंटे में 1 लाख किलो राख समुंद्र में बहाई जाती थी.

 

जहाज का इंजन 46,000 हार्स पाॅवर की ऊर्जा पैदा करता था. यह boeing 777 विमान के इंजन की आधी है.

 

Titanic की चार चिमनियां थी, इनमें से सिर्फ तीन से धुआं निकलता था. चौथी चिमनी नकली थी ये जहाज को ओर मजबूत व खूबसूरत दिखाने के लिए लगाई गई थी.

 

दिन 1 Sept. 1985, आखिर डूबने के 73 साल बाद Titanic का मलबा ढूंढ ही लिया गया. यह समुंद्र में 12,600 फीट की गहराई पर मिला.

 

अपने आखिरी पलों में टाइटैनिक के बीच से टूटकर दो टुकड़े हो गए थे. ये दोनों टुकड़े आज भी समुंद्र में पड़े है और इनके बीच की दूरी 600 मीटर है.

वैज्ञानिक अभी तक स्पष्ट रूप से नही बता पाए कि जहाज के दो टुकड़े क्यूँ हुए थे.

 

जिस Iceberg की वजह से Titanic डूबा, वह 10,000 साल पहले ग्रीनलैंड के एक गलेशियर से अलग होकर आया था. यह 100 फीट ऊँचा था. टक्कर के दो हफ्ते बाद यह भी नष्ट हो गया क्योंकि इसको भी काफी नुकसान पहुंचा था.

 



टाइटैनिक के डूबने के साथ इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था को भी गहरा झटका लगा था. क्योंकि इसमें सफर करने वाले सबसे ज्यादा अमीर आदमी इंग्लैंड के थे, ‘John Jacob Astor IV’ जो जहाज पर सबसे अमीर आदमी था वह भी इंग्लैंड का ही था. उस समय इसकी कुल संपत्ति $85 million थी.

1997 में एक मूवी आई थी “Titanic”, जिसका बज़ट ‘Titanic जहाज’ से भी ज्यादा था. जहाज को बनाने में 75 लाख डाॅलर (करीब 48 करोड़ रूपए), जबकि मूवी को बनाने में 20 करोड़ डाॅलर (करीब 12 अरब रूपए) का खर्च आया था. यह फिल्म कमाई के मामले में world में 2nd नंबर पर है (1st पर Avatar). इसने 2 अरब डाॅलर की कमाई की. इतने पैसों से आज 5 टाइटैनिक बनाए जा सकते है.

 

Titanic फिल्म ने 11 Oscars अवार्ड जीतें, लेकिन acting के लिए इनमें से एक भी नही है.

‘Millvina Dean’ टाइटैनिक दुर्घटना में बचने वाली आखिरी जिंदा इंसान थी. ये भी 31 may, 2009 को 97 साल की उम्र में मर गई. यह टाइटैनिक पर सबसे छोटी थी और इसकी उम्र 2 महीने थी.

 

Titanic क्रैश होने के बाद जो जापानी बच गए थे उनके परिवार को जापान के लोग आज भी कायर कहते हैं Q कि वो उनके पूर्वज अन्य लोगो के साथ नही मरे.

 

टाइटैनिक के टट्टीघर का पोट भी निकल आए तो लाखो में बिकता है. 31 march, 2012 को टाइटैनिक के फर्स्ट क्लास का मेन्यू 62 लाख में बिका.

 

टाइटैनिक में कुछ लोग ऐसे भी थे, जो इसमें सफर नही करना चाहते थे. दरअसल कोयले की कमी के कारण इसकी कंपनी व्हाइट स्टार लाइन ने ओशिएनिक और एड्रियाटिक नाम के दो जहाजो की यात्रा रद्द करनी पड़ी थी और इन दोनों जहाजों के यात्रियों को टाइटैनिक में शिफ्ट कर दिया गया था.

 

📵’Titanic जहाज की टिकट का रेट कितना था ? 1st class, 2nd class, 3rd class के लिए क्या-क्या फैसिलिटी थी ?

 

Titanic में 1st class में सफर करने के लिए उस समय 4,350 डॉलर (करीब 2 लाख 70 हजार रुपए) चुकाने पड़ते थे. 2nd class के लिए 60 डॉलर (करीब 4 हजार रुपए) और 3rd class के लिए 30 डॉलर (करीब दो हजार रुपए) की रकम चुकानी पड़ती थी. 1st class यात्रियों के लिए 20,000 बीयर की बोतलें, 1,500 शराब  की बोतलें व 8,000 सिगार थे. जहाज पर 2 library थी, एक फर्स्ट क्लास के लिए व एक सेकेंड क्लास के लिए. इतने बड़े जहाज पर केवल 6 toilets थी. 3rd class के 700 यात्रियों के लिए केवल 2 बाथरूम थी और 3rd class के यात्रियों को हर समय इंजन की तेज आवाज सुनाई देती थी.

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