લીમડાનું મહત્વ

 

લીમડાના ઝાડનું મહત્વ 

भारत के अधिकांश हिस्सों में आमतौर पर मिल जाने वाला यह औषधीय पेड़ नीम के बारे में कौन नहीं जानता. नीम एक ऐसा पेड़ है जो स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर है. उदाहरण के तौर पर आज भी गांव में अधिकांश लोग नीम की दातुन से ही अपने दांतो को साफ करते हैं.स्वाद में बेहद कड़वा लगने वाली नीम वृक्ष की पत्तिया असल में रोगो के निदान के लिए बेहद स्वादिस्ट मानी जाती है.

 

जी हां दोस्तों आज का हमारा लेख इसी गुणकारी पेड़ से जुड़ा हुआ है. आज हम आपको नीम से जुड़े वे सभी औषधीय रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं जो आपने आज से पहले शायद ही कही पढ़े होंगे. तो देर न करते हुए चलिए जानते है.

 

⭕️’नीम से जुड़े औषधीय गुणों से भरपूर रोचक तथ्य

 

भारतीय आयुर्वेद विज्ञान में नीम सदियों से उपयोग होता रहा है. उदाहरण के तौर पर प्राचीन समय से नीम की छाल का उपयोग अल्सर को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है.

 

अगर आपके दांतो में दर्द रहता है या आपके दांत पीले हो गए है तो नीम की दातुन करने से कुछ ही दिन में आप इस समस्या से निजात पा सकते है.

 

नीम वृक्ष की पतियों में डायबिटीज को कम करने के गुण भी पाए जाते है

 

क्या आप जानते है नीम की पतियों से बनाया गया तेल हमारे शरीर की बहुत सी स्किन प्रोब्लेम्स को ठीक कर सकता है. उदाहरण के तोर पर नीम में बैक्टीरिया से लड़कर उन्हें नष्ट करने के गजब के गुण होते है.

 

कान में नीम का तेल डालने से कान दर्द या बहने की समस्‍या ठीक हो जाती है.

 

क्या आप जानते है नीम के तेल से बालो की जू को भी ख़त्म किया जा सकता है.

 

नीम की पतियों में संक्रमण फैलने से रोकने के गुण भी होते है.

 

.पीलिया रोग के निदान में भी नीम की पतियों को लाभकारी माना जाता है.

 

आपको जानकर हैरानी होगी अगर आप नीम की पतियों को पानी में उबाल कर उस पानी की नहाने वाले पानी में मिलाकर स्नान करते है तो आपके शरीर पर दाद, खाज ,खुजली की सम्बावना न के बराबर रह जाएगी.

नीम एक औषधि पेड़ है । यह भारतीय आयुर्वेदिक में एक बहुत ही महत्वपूर्ण पेड़ है। भारत में ऋषि महर्षि के काल में भी वे लोग विभिन्न दवाई तैयार करने के लिए नीम का उपयोग करते थे। नीम सिर्फ दवाइयों मेही नहीं बल्कि कई सारे फायदे प्रदान करती है।

 

पौराणिक काल की ऋषि मुनियों का माने तो, हर घर में एक नीम का पेड़ होना बहुत ही आवश्यक होता है। क्योंकि नीम हमारी आसपास की हवाओं को साफ रखती है और इसके साथ साथ नीम का कई सारे औषधिक फायदे भी है।

 

⭕️डड्रफ(Dandruff): जब तक पानी हरा न हो जाए तब तक नीम के पत्तों का एक गुच्छा उबालें, इसे ठंडा करने दें। शैम्पू के साथ अपने बालों को धोने के बाद, इसे इस पानी से साफ करें।

 

⭕️कान की समस्या(Ear ailments): कुछ नीम के पत्तों को मिलाएं और इसमें कुछ शहद जोड़े। किसी भी कान फोड़े के इलाज के लिए इस मिश्रण की कुछ बूंदों का प्रयोग करें।

 

⭕️सकिन की समस्या(Skin disorders): नीम के पत्तों के पेस्ट के साथ हल्दी को खुजली, एक्जिमा, अंगूठी कीड़े और कुछ हल्की त्वचा रोगों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

⭕️इम्युनिटी(Boost immunity): कुछ नीम के पत्तों को क्रश करें और अपनी प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए उन्हें एक गिलास पानी के साथ ले जाएं।

 

⭕️आखों की समस्या(Eye Trouble): कुछ नीम के पत्तों को उबालें, पानी को पूरी तरह ठंडा कर दें और फिर अपनी आंखों को धोने के लिए इसका इस्तेमाल करें। इससे किसी प्रकार की जलन, थकावट या लाली में मदद मिलेगी।

 

✅️’नीम भारत में पाया जाने वाला एक आयुर्वेदिक वृक्ष है।

 

Neem को Indian lilac भी कहा जाता है|

 

जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, यूनानी और होम्योपैथिक दवायों के निर्माण में होता है |

 

भारत में नीम को “गांव की फार्मेसी” कहा जाता था क्योंकि इसमें असंख्य स्वास्थ्य लाभ हैं।

 

नीम के पेड़ का प्रत्येक भाग जैसे तना,छाल,जड़,बीज़ का तेल इत्यादि सभी भागो को आयुर्वेदिक दवाए बनाने में प्रयोग किया जाता है।

 

इसके पत्तों में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ने वाले गुण मुंहासे, छाले, खाज-खुजली, एक्जिमा को दूर करने में मदद करते हैं।

 

इसका अर्क मधुमेह, कैंसर, हृदयरोग, हर्पीस, एलर्जी, अल्सर, हिपेटाइटिस  के इलाज में भी मदद करता है।

 

नीम के फायदे:

 

मुंहासों से मुक्‍ती:

Neem में एंटी इंफ्लेमेट्री तत्‍व पाए जाते हैं, नीम का अर्क पिंपल और एक्‍ने से मुक्‍ती दिलाने के लिये बहुत अच्‍छा माना जाता है। इसके अलावा नीम जूस शरीर की रंगत निखारने में भी असरदार है।

 

कैंसर के उपचार में सहायक:

नीम के पत्तों में पाए जाने वाले कई घटक कैंसर के उपचार में सहायक हो सकते हैं जिनमें विटामिन सी, बीटा कैरोटीन क्विर्सेटिन, अजादिरातिन, अजादीरोन, डॉक्सोनबिंबाईइड, काइमफरोल शामिल हैं।

 

स्किन इंफेक्शन से बचाव:

नीम की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल तत्व होते हैं और इस वजह से ये त्वचा के लिए बहुत प्रभावशाली होती हैं। ये स्किन को बिना ड्राई किए सूजन व जलन भी दूर करती हैं।

 

चेहरे या शरीर पर किसी  भी प्रकार की त्वचा संबंधित बीमारी के लिए नीम की कुछ पत्तिया का पेस्ट बिना पानी डाले बना ले ,और सुबह शाम त्वचा पर 15 मिनट के लिए लगाए फिर ठंडे पानी से धो ले। इसका प्रयोग नियमित रूप से करे आराम मिलेगा।

 

नीम रूसी के लिए:

नीम में फंग्स और जीवाणु रोधी गुण होते है जो आपके बालो को स्वस्त रखते है। इससे आप के बालो का सूखापन एवं खुजली में भी लाभ मिलेगा।

 

नीम की 30-40 पत्तियों में 500 मिली पानी डालकर उबालना है 15-20 मिनट उबालने के बाद उसे ठंडा होने दे। अब नहाते समय शैम्पू से बाल धोने के बाद नीम के इस पानी से बाल धोए।ऐसा सप्ताह में २ बार करे बालो को इससे विशेष लाभ मीलेगा।

 

पीलिया में फायदा:

नीम की पत्तियों के रस और शहद को 2:1 के अनुपात में पीने से पीलिया में फायदा होता है और इसको कान में डालने से कान के विकारों में भी फायदा होता है।

 

शरीर की गंदगी साफ करे:

नीम जूस पीने से, शरीर की गंदगी निकल जाती है। जिससे बालों की क्‍वालिटी, त्‍वचा की कामुक्‍ता और डायजेशन अच्‍छा हो जाता है।

 

मधुमेह रोगियों के लिये फायदेमंद:

अगर आप रोजाना नीम जूस पिएंगे तो आपका ब्‍लड़ शुगर लेवल बिल्‍कुल कंट्रोल में हो जाएगा।

 

 इसके अलावा नीम के तने की छाल तथा मेथी के चूर्ण का काढ़ा बनाकर कुछ दिनों तक पीने से डा‍यबिटीज में लाभ मिलता है।

 

नीम ब्लड प्यूरिफायर का काम करता है, जो आपके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में आपकी मदद करता है।

 

पेट की समस्याओं के लिए:

नीम के पत्ते के रस को शहद में मिलाकर पीने से आपके पेट के सारे कीड़ें मर जाएंगे। नीम की पत्तियों को सुखा लें और शक्कर के साथ मिलाकर खाने से आपको दस्त से भी आराम मिलेगा।

 

नीम के नुकसान…

 

 नीम में मौजूद पदार्थ शिशुओं में रय सिंड्रोम के लक्षण पैदा करने के लिए जाने जाते हैं।.

 

आयुर्वेद विशेषज्ञ थकान से पीड़ित लोगों को नीम की खपत से बचने कि सलाह देते हैं, क्योंकि इसमें बीमारी की गंभीरता बढ़ने का उच्च मौका है।..

 

प्रेग्नेंट लेडीज को नीम की खुराक नहीं देना चाहिए…..

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